नहीं सोचा था कि तुम
इस तरह रूठ जाओगे,
हम पुकारेंगे तुम्हें
और तुम
लौट कर न आओगे।
जाना ही था इस तरह
मुंह मोड़ कर तो,
दिल इस तरह लगाना न था।
बेगाना होना था हम सभी से तो,
हमको अपना बनाना न था।
एक उम्र भी कम रहती वैसे तो
तुम्हारे साथ बिताने को
पर......
जो गुजरे दो पल
काफी हैं वही अब
उम्र भर रुलाने को।
छवि जो बसी है दिल में
वही आंखों में सज गई है
पर.........
नसीब में नहीं है
उसे भी निहार पाना
क्योंकि आंख भी
आंसुओं से धुंधला गई है।
मन नहीं मानता है अभी भी
तुम्हारा न होना,
हर आहट,
हर दस्तक पर अहसास
कि हो तुम्हारा आना
पर........
तुम तो चमक रहे
दूर आसमान पर बन कर सितारे,
यहाँ बेचैन हैं तुम्हें देखने को
वीरान गुलशन के नजारे।
फ़िर भी हम रखेंगे
तुम्हारा वजूद कायम,
उन सपनों के सहारे
जो तुमने देखे,
उन खिलौनों के सहारे
जो तुमने खेले।
तुम्हारी साँसों से रची-बसी
आँगन की हवा के सहारे।
तुम्हारी किलकारी,
तुम्हारी हँसी से गूंजती
फिजा के सहारे।
लड़खडाने पर तुम्हें संभालते
अपने हाथों के सहारे।
थकन भरे क्षणों में जो गुजारे
उस माँ के आँचल के सहारे...
कौन कहता है
कि तुम नहीं हो,
हर अहसास,
हर लम्हा,
हर याद,
हर तस्वीर बताती है
कि तुम हो,
यहीं हो,
कहीं बहुत नजदीक,
इस दिल के आसपास ही हो।
संग्रह की समस्त कवितायेँ
01 - मेरा भारत महान
02 - रहस्य जीवन का
03 - भूख
04 - इच्छाएँ
05 - बचपन की बेबसी
06 - सत्यता
07 - श्मशान
08 - कुदरत की रचना
09 - नारी के विविध रूप
10 - मानव
11 - याद तुम्हारी
12 - मानवता की आस में
13 - ऐ दिल कहीं और चलें
14 - अकाट्य सत्य
15 - कोई अपना न निकला
16 - उस प्यारे से बचपन में
17 - मेरा अस्तित्व
18 - मजबूरी
19 - डर आतंक का
20 - मौत किसकी
21 - जीवन सफर
22 - नारी
23 - सुनसान शहर की चीख
24 - एक ज़िन्दगी यह भी
25 - पिसता बचपन
26 - ग़मों का साया
27 - खामोशी
28 - तुम महसूस तो करो
29 - अपने भीतर से
30 - फूलों सा जीवन
31 - सत्य में असत्य
32 - स्वार्थमय सोच
33 - पत्र
34 - मानव-विकास
35 - यही नियति है?
36 - अंधानुकरण
37 - अन्तर
38 - वृद्धावस्था
39- जीवन-चक्र
40- आज का युवा
41-करो निश्चय
42- ज़िन्दगी के लिए
43- घर
44- अनुभूति
45- कलम की यात्रा
46- सुखों का अहसास
47- कहाँ आ गए हैं
48- किससे कहें...
49- आने वाले कल के लिए
50- तुम्हारा अहसास
51- दिल के करीब
कविता संग्रह